अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अवसर पर वर्ष 2001 से जिला पंचायत, उज्जैन द्वारा उज्जैन की सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपराओं को सतत् चलायमान रखने के उद्धेश्य से उक्त मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में भारतवर्ष के 15 राज्यों से जिनमें प्रमुख रूप से राजस्थान, गुजरात, उत्तरांचल, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ से हाथकरघा बुनकरों, बुनकर सहकारी समितियों, औ़द्योगिक सहकारी समितियों के सदस्यों, स्व सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों, स्वरोजगारियों द्वारा अपने उत्पाद का प्रदर्शन, प्रचार-प्रसार एवं विक्रय हेतु आमंत्रित किया जाता है। मेले में लगभग 300 स्टॉलों का निर्माण कर आबंटित किये जाते हैं। मेले में प्रकाश की भी उत्कृष्ट व्यवस्था की जाती है। स्टॉल धारियों को अपने उत्पादन एवं स्वयं की सुरक्षा की भी समुचित व्यवस्था की जाती है। मेले में भाग लेने वाले हितग्राहियों को स्टॉल की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है ।